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मुस्तकीम भैया (वरिष्ठ समाजसेवी व पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी नगर पंचायत डासना ने बताया कि शहीद अशफ़ाकउल्ला खां का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे एक ऐसे क्रांतिकारी थे, जिनके दिल में देशप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। काकोरी कांड के बाद जब अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार किया, तब भी उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भी उन्होंने धैर्य और साहस का परिचय दिया। उनकी शहादत हमें यह सिखाती है कि देश की आजादी के लिए निस्वार्थ भाव से लड़ना कितना महत्वपूर्ण है। आज हम उनकी याद में गर्व महसूस करते हैं और उनकी देशभक्ति से प्रेरणा लेते हैं।

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