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चेयरमैन पति के आवास पर बैठक में शामिल हुएसामाजिक लोग व नेतागण
मांग नहीं मानी गई तो होगी धरना प्रदर्शन की तैयारी
रिपोर्ट- चौधरी अफसर
गाजियाबाद (अहम सत्ता) पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य की मांग को लेकर एक बार फिर मांग तेज उठने लगी है। जिसके चलते बैठकों का दौर भी शुरू हो गया। इसी बीच पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के केंद्रीय महासचिव कर्नल सुधीर कुमार द्वारा डासना में चेयरमैन पति डॉक्टर मुजाहिद हुसैन उर्फ बाबू भाई की कोठी पर एक मीटिंग का आयोजन किया।
इस बैठक में क्षेत्रीय सम्मानित गणमान्य और राजनीतिक लोगों ने बड़ा चढ़कर हिस्सा लिया।
पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के केंद्रीय महासचिव कर्नल सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य की मांग काफी पुरानी है और केंद्र सरकार से लगातार पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग की जाती रही है। हालांकि अब एक बार फिर इस मांग को लेकर केंद्र से मांग की जाएगी। अगर हमारी मांग को नहीं माना गया तो धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।
तीन शेड्यूल में अपनी मांग को रखा जाएगा। पहले मांग में स्थानीय सांसद को ज्ञापन दिया जाएगा जिससे कि वह ज्ञापन को केंद्र सरकार के समक्ष रख सके। दूसरे शेड्यूल में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा और अगर फिर भी मांग नहीं मानी गई तो तीसरे शेड्यूल में बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।जिसकी शुरूआत मुरादनगर और डासना से की जाएगी। चेयरमैन पति डॉक्टर मुजाहिद हुसैन उर्फ बाबू भाई ने बताया कि पश्चिमी प्रदेश को अलग राज्य बनने के बाद प्रदेश की तरक्की और सहूलियत प्रदान होगी। लोगों को काफी फायदा मिलेगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के चलते सही सुविधा गाजियाबाद जनपद सहित पश्चिमी प्रदेश को नहीं मिल पाती। पश्चिम प्रदेश की मांग को लेकर हम पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के साथ है और कंधे से कंधा मिलाकर तैयार रहेंगे। पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग काफी पुरानी है और काफी समय से अधिवक्ता संघ करते आ रहे हैं। बसपा के पूर्व धौलाना विधानसभा प्रत्याशी बासित प्रधान, डासना देहात प्रधान पति सतीश, बसपा नेता तिलक चौधरी, कदीर मेम्बर और अधिवक्ता उम्मेद अली ने कहाकि पश्चिम प्रदेश के अलग राज्य बनने के बाद राज्य के हर निवासी को पेंशन के अलावा अन्य सुविधाएं भी काफी अच्छी तरीके से मिल पाएंगे। क्योंकि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है। जिससे पश्चिम को पूरी सुविधा नही मिल पा रही हैं। विकास से पिछड़ रहा है।

