1,149 Views

डासना जेल में 67 बंदी महिलाओं ने धूमधाम से मनाया करवा चौथ, 30 महिलाओं को पतियों से मिलवाया गया

चौधरी अफसर

गाजियाबाद की डासना जेल, जिसे उत्तर प्रदेश के हाईटेक जिलों में गिना जाता है, इस बार करवा चौथ के खास अवसर पर विशेष आयोजन का केंद्र बनी। जेल प्रशासन ने बंदी महिलाओं के लिए उत्सव को खास बनाने के लिए कई विशेष प्रबंध किए। महिलाओं ने इस पवित्र पर्व को पूरी श्रद्धा और धार्मिक भावना से मनाया।

डासना जेल में कुल 163 महिलाएं बंद हैं, जिनमें से इस करवा चौथ पर 67 महिलाओं ने व्रत रखा। खास बात यह रही कि इनमें से 30 महिलाओं के पति भी डासना जेल में बंद हैं। जेल प्रशासन ने इस अवसर पर इन 30 महिलाओं को उनके पतियों से मिलवाने का विशेष प्रबंध किया, ताकि वे करवा चौथ की पूजा और व्रत का पालन हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार कर सकें। मिलन के दौरान पति-पत्नी ने एक-दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूजा अर्चना की और चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला।

इस मौके पर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने कहा,

“डासना जेल में बंद 67 महिलाओं में से 30 के पति भी बंदी हैं। हमने इन महिलाओं के पतियों से मिलवाने का प्रबंध किया ताकि वे इस खास पर्व को एक साथ मना सकें। पूरे कार्यक्रम का आयोजन हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया, और पूजा विधिपूर्वक सम्पन्न हुई। बाकी 37 महिलाओं को भी पूजा सामग्री उपलब्ध कराई गई ताकि वे भी पूरे धार्मिक उत्साह के साथ करवा चौथ मना सकें।”

जेल प्रशासन ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष प्रशासनिक कदम उठाए, जिससे सभी बंदी महिलाएं शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में पर्व मना सकें। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। जेल में बंद महिलाओं के धार्मिक और पारिवारिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार का आयोजन करना जेल प्रशासन की मानवीय और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

पूरे आयोजन के दौरान बंदी महिलाओं ने पूरे हर्षोल्लास के साथ करवा चौथ का पर्व मनाया। 30 महिलाओं ने अपने पतियों से मुलाकात कर पूजा की और व्रत का पालन किया, जबकि 37 अन्य महिलाओं ने भी पूजन सामग्री का इस्तेमाल करते हुए पर्व की पूजा अर्चना पूरी की।

डासना जेल प्रशासन की यह पहल जेल में बंद महिलाओं की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए, उन्हें सामाजिक और पारिवारिक जुड़ाव से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है। इस भव्य आयोजन ने न केवल बंदी महिलाओं के जीवन में एक नई उमंग और आनंद भरा, बल्कि जेल के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी इस प्रयास की सराहना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *