अनुज सिंघल (सिंघल स्वीट्स गोविंदपुरम गाजियाबाद) ने बताया कि दीवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का प्रमुख और सबसे प्रिय त्यौहार है। यह पर्व प्रकाश का प्रतीक है, जो जीवन में खुशियों, समृद्धि और आशा का संचार करता है। दिवाली मुख्य रूप से भगवान राम की अयोध्या वापसी और रावण पर उनकी विजय का उत्सव है, जब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया था। तब से, यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का संदेश देता है।
दिवाली केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन में कई प्रेरणाएँ देती है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें सत्य, धैर्य और प्रेम के मार्ग पर चलना चाहिए। दीप जलाना केवल अंधकार को मिटाने का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन में सकारात्मकता, उन्नति और शांति की ओर प्रेरित करता है।
दिवाली पर घरों की सफाई और सजावट से लेकर मिठाइयों का आदान-प्रदान तक, हर क्रिया हमें प्रेम, सहयोग और एकता की भावना को मजबूत करने का अवसर देती है। यह पर्व हमें आत्मनिरीक्षण कर, अपने भीतर के अंधकार को दूर कर, जीवन में प्रकाश और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है।