अखलाक ग्राम (प्रधान प्रत्याशी निडोरी
दिवाली का पर्व केवल घरों और गलियों को रोशन करने का नहीं है, बल्कि हमारे दिलों में भी रोशनी लाने का अवसर है। यह पर्व हमें सिखाता है कि कैसे मिल-जुलकर समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, इस बार हमें पटाखों की जगह दीये जलाने और प्राकृतिक सजावट का इस्तेमाल करने का संकल्प लेना चाहिए। फ-सफाई और सजावट के साथ-साथ हमें अपने घरों में दीयों की रोशनी जलानी चाहिए। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि बच्चों को भी यह संदेश मिलेगा कि दिवाली का असली मतलब केवल दिखावा नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करना है।आइए, इस दिवाली प्रदूषण मुक्त माहौल बनाकर हम सबके जीवन में खुशियाँ और सुख-शांति का संदेश फैलाएं। इस प्रकार से मनाई गई दिवाली हमें एक नई ऊर्जा और उत्साह प्रदान करेगी।