आसिफ अली पत्रकार (अहम सत्ता समाचार पत्र मसुरी व भोजपुर)
दिवाली का पर्व हम सभी के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि यह रौशनी, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। लेकिन इस पर्व के दौरान पटाखों का अत्यधिक उपयोग हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। एक पत्रकार के रूप में, मेरा मानना है कि हमें इस दिवाली पर प्रदूषण मुक्त तरीके से इसे मनाने का संकल्प लेना चाहिए। मिट्टी के दीये जलाने और प्राकृतिक सजावट का उपयोग करके हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं। यह न केवल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे हमारी संस्कृति और परंपरा का भी संरक्षण होता है।
इस दिवाली, आइए समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाएं और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लें। दीयों की रौशनी और मिठाई के साथ इस पर्व का आनंद उठाएं, ताकि यह त्योहार आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा बने।