दिवाली का पर्व हर वर्ष एक नए सवेरे की तरह आता है, जिसमें अंधकार से उजाले की ओर बढ़ने का संदेश छिपा है। हमारे गांव देहरा में इस त्योहार का विशेष महत्व है। हर गली और हर घर को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है, और इस प्रकार से हम यह संदेश देते हैं कि चाहे कितना भी अंधकार हो, उजाला हमेशा उससे ऊपर होता है।
दिवाली का असली मकसद खुशियां बांटना और आपसी प्रेम को बढ़ाना है। इस दिन हम अपने घरों में दीप जलाते हैं और अपने प्रियजनों को मिठाइयां बांटते हैं। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि जैसे हम अपने घरों को स्वच्छ रखते हैं, वैसे ही पर्यावरण की स्वच्छता भी जरूरी है। दिवाली पर पटाखों की जगह अगर हम दीयों से रोशनी करें, तो यह हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी लाभदायक होगा।
इस पावन पर्व पर हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम न केवल अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी को खुशियों का हिस्सा बनाएं। यही दिवाली का असली संदेश है: प्रेम, भाईचारा और सच्ची रोशनी जो हर मनुष्य के दिल में होनी चाहिए।