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दिवाली का त्योहार केवल रोशनी का ही नहीं, बल्कि भाईचारे और प्रेम का प्रतीक भी है। यह एक ऐसा अवसर है, जब लोग सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे के साथ प्यार और सम्मान से मिलते हैं। हमारे गांव निगरावठी में यह त्योहार पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बाजारों में रौनक रहती है, लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।

पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए हमें यह समझना होगा कि इस पर्व का असली मकसद खुद को और दूसरों को खुश रखना है। पटाखों की जगह अगर हम मिलजुलकर दीये जलाएं और घरों को सजाएं, तो त्योहार की असली खूबसूरती को बनाए रख सकते हैं। पर्यावरण का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और दिवाली हमें यह याद दिलाने का एक अवसर है कि हम कैसे अपने चारों ओर की दुनिया को संवार सकते हैं।

दिवाली केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि हमारे भारतीय संस्कृति का हिस्सा है जो हमें आपसी सहयोग, सौहार्द्र और प्रेम का संदेश देता है। आइए, इस दिवाली हम भाईचारे की इस अद्भुत परंपरा को और मजबूती दें।

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