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दिवाली का पर्व भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह न केवल अंधकार पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता लाने का भी प्रतीक है। इस दिन सभी लोग मिलकर अपने घरों को सजाते हैं, दीये जलाते हैं और एक नई ऊर्जा का अनुभव करते हैं। हमारे गांव निगरावठी में दिवाली का उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, जहां हर कोई आपसी प्रेम और सद्भावना का संदेश देता है।

दिवाली के इस पर्व पर हमें यह याद रखना चाहिए कि पटाखों से सिर्फ क्षणिक खुशी मिलती है, परंतु उससे निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को नुकसान होता है। बेहतर होगा कि हम दीये जलाकर त्योहार की परंपरा को जीवित रखें और पटाखों से दूर रहें। इस तरह से हम अपने बच्चों को भी एक अच्छा संदेश दे सकते हैं कि पर्यावरण की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।

इस दिवाली पर आइए हम यह संकल्प लें कि न केवल अपने घरों को सजाएंगे बल्कि अपने दिलों को भी प्यार और अपनत्व से भर देंगे। यही दिवाली का असली महत्व है – यह पर्व हमें एक नई शुरुआत करने का मौका देता है, जिसमें हम आपसी रिश्तों को और मजबूत बना सकते हैं।

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