मोहम्मद सद्दाम (ग्राम निगरावठी युवा नेता व समाजसेवी)
दिवाली का पर्व युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जहां वे अपने जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं। लेकिन बदलते समय के साथ इस पर्व के तरीके भी बदलने चाहिए। युवा होने के नाते हमें इस दिवाली पर प्रदूषण मुक्त और हरित दिवाली मनाने की सोच अपनानी चाहिए।
पटाखों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हमें दीयों का उपयोग करना चाहिए। दीयों की रौशनी केवल घरों को ही नहीं, बल्कि दिलों को भी रौशन करती है। इसके साथ ही, हमें अपने समाज के जरूरतमंद लोगों की भी मदद करनी चाहिए। दिवाली का असली आनंद तब आता है जब हम अपनी खुशियों को दूसरों के साथ साझा करते हैं।
आइए, इस बार हम सब मिलकर दिवाली का पर्व पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए मनाएं और अपने समाज में एक नई सोच का संचार करें। यह एक छोटी सी पहल हो सकती है, लेकिन इसका असर हमारे आने वाले भविष्य पर बहुत बड़ा होगा।