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रिपोर्ट- चौधरी अफसर
लखनऊ संवादाता/पावर कॉरपोरेशन बिजली उपभोक्ताओं पर ईंधन अधिभार लगाने की तैयारी में चल रहा है। इसके लिए नियामक आयोग में प्रस्ताव भी दे दिया गया है। इस प्रस्ताव के मंजूर होने पर अलग-अलग वर्ग में 28 पैसे से लेकर 1.09 रुपये प्रति यूनिट बिजली महंगी हो जाएगी। हालांकि उपभोक्ता परिषद का कहना है कि किसी भी कीमत पर इस प्रस्ताव को पास नहीं होने देंगे। परिषद ने आयोग में याचिका दायर कर कहा कि विद्युत निगमों पर कानून के तहत 30 पैसा प्रति यूनिट निकल रहा है। पहले उसकी वापसी हो, फिर बढोतरी के संबंध में कोई बात हो। प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की ओर से पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में ईंधन अधिभार (फ्यूल सरचार्ज) संबंधी प्रस्ताव दाखिल कर दिया था। कॉरपोरेशन ने प्रदेश के उपभोक्ताओं से कुल 1437 करोड़ की वसूली करने की बात कही। इसके लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार औसत बिलिंग की दर तैयार की जा रही है। कॉरपोरेशन की दर को नियामक आयोग ने स्वीकार किया तो अलग-अलग श्रेणी में 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली महंगी हो जाएगी।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कॉरपोरेशन की ओर से दिए गए प्रस्ताव की भनक लगते ही विद्युत नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। कॉरपोरेशन के ईंधन अधिभार प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए बताया कि नियामक आयोग ने जून 2020 बने कानून के तरह फार्मूला नहीं अपनाया है। यदि प्रस्ताव में कानूनी फार्मूला अपनाया गया होता, तो भी उपभोक्ताओं को 30 पैसे प्रति यूनिट का फायदा मिलता। क्योंकि उपभोक्ताओं का विद्युत निगमों पर पहले से ही करीब 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में ईंधन अधिभार लगाने का प्रस्ताव तत्काल खारिज किया जाए।

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