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रिपोर्ट- चौधरी अफसर

गाजियाबाद (अहम सत्ता) उत्तर प्रदेश में एक तरफ योगी सरकार द्वारा व्यापारियों के ठेलों पर नाम लिखने की बात से समाज में हिंदू-मुस्लिम भेदभाव की चर्चा हो रही थी, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे रोकने का आदेश दिया। इसी बीच, गाजियाबाद के थाना मसूरी क्षेत्र में इंसानियत और भाईचारे की एक मिसाल पेश करने वाली घटना सामने आई है।

मसूरी की गंग नहर में अमित नामक व्यक्ति, जो थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक का निवासी है, कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर नहर में कूद गया। तभी मसूरी क्षेत्र के ग्राम नाहल के तीन युवाओं—बाबू, मोबीन, और सलीम—जो गाजियाबाद में प्लंबर का काम करने जा रहे थे, ने देखा कि एक व्यक्ति नहर में डूब रहा है। बिना समय गंवाए, इन तीनों ने नहर में छलांग लगाई और अमित को बचाकर डासना सीएचसी अस्पताल पहुंचाया।

सीएचसी के डॉक्टरों ने बताया कि यह एक पुलिस केस है, जिसके बाद अमित को थाना मसूरी ले जाया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अमित को पुनः डासना सीएचसी अस्पताल भेजा, जहां उसकी जान बचा ली गई।

बाबू, सलीम, और मोबीन की इस साहसिक और मानवीय कार्रवाई की पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है। उनकी इस बहादुरी ने न सिर्फ एक व्यक्ति की जान बचाई बल्कि इंसानियत और सहयोग की भावना को भी मजबूती प्रदान की।

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