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 सखावत अली (ग्राम प्रधान निडोरी)

दिवाली का पर्व सिर्फ रोशनी और मिठाई का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सामाजिक मूल्य की याद दिलाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। समाज के प्रधान होने के नाते, मेरा मानना है कि हमें इस पर्व को सही मायनों में मनाना चाहिए और इसके वास्तविक संदेश को समझना चाहिए।

हम सबके लिए यह अवसर है कि हम समाज में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाएं। दिवाली के मौके पर अपने गांव और समाज में खुशियाँ फैलाने के लिए गरीबों और बेसहारा लोगों के साथ मिठाई बांटें, ताकि उन्हें भी इस पर्व का आनंद मिले। पटाखों के बजाय दीये जलाने का निर्णय लें ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।

दिवाली के इस पावन अवसर पर हमें समाज के हर व्यक्ति के जीवन में रोशनी और खुशियाँ लाने का प्रयास करना चाहिए। एकजुटता और सहयोग का संदेश देते हुए इस पर्व को प्रदूषण मुक्त तरीके से मनाएं।

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