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डॉ. अरशद खान (अध्यक्ष, डासना व्यापार मंडल) ने बताया कि शहीद अशफ़ाकउल्ला खां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अद्वितीय क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 1900 में शाहजहांपुर में हुआ और वे शुरू से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ काकोरी कांड में भाग लिया, जो उनकी बहादुरी और देशभक्ति का प्रतीक है। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भी वे अपने आदर्शों से विचलित नहीं हुए। उनका बलिदान भारतीय इतिहास में अमर रहेगा। अशफ़ाकउल्ला का जीवन हमें यह सिखाता है कि देशप्रेम सबसे बड़ा धर्म है और इसके लिए किसी भी हद तक जाया जा सकता है।