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गाजियाबाद।  ज़िला गाजियाबाद के मशहूर और सम्मानित इस्लामी विद्वान मौलाना मुहम्मद ख़ालिद क़ासमी मसूरी को दूसरी बार जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश का नायब सदर नियुक्त किया गया। इस अवसर पर ज़िला गाजियाबाद के जमीयत उलेमा के सभी ज़िम्मेदारान और सदस्यगण ने उन्हें दिल से मुबारकबाद पेश की।

मौलाना ख़ालिद क़ासमी, जो कि जामिया महमूद उल मदारिस मसूरी के मुहतमिम हैं, को मुल्क की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित दीनी व मिल्ली तंज़ीम जमीयत उलेमा ने दूसरी बार नायब सदर की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। यह नियुक्ति उनकी काबिलियत, ईमानदारी और मिल्लत की भलाई के प्रति उनके योगदान को देखते हुए की गई है।

इस मौके पर ज़िला गाजियाबाद के जमीयत उलेमा के कारगुज़ार सदर मौलाना मुहम्मद अरशद ख़ालिद क़ासमी ने कहा, “यह ज़िला गाजियाबाद के लिए गर्व का क्षण है। मौलाना ख़ालिद क़ासमी ने दीन और मिल्लत की बेहतरी के लिए जो सेवाएं दी हैं, वह अनमोल हैं। अल्लाह उन्हें और तरक्की अता करे।
मौलाना खालिद क़ासमी की इस नियुक्ति पर जमीयत उलेमा गाजियाबाद के तमाम ज़िम्मेदारान और सदस्यगण ने कहा कि यह पूरे जिले के लिए सम्मान की बात है। जमीयत उलेमा यूपी के पदाधिकारियों ने भी इस चयन को मिल्लत के लिए बेहतरीन फैसला बताया।

मौलाना ख़ालिद क़ासमी का योगदान

मौलाना ख़ालिद क़ासमी ने शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में जामिया महमूद उल मदारिस ने न केवल धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा दिया है, बल्कि समाज सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

मुबारकबाद का दौर जारी

मौलाना की नियुक्ति पर ज़िले के अन्य प्रमुख इस्लामी विद्वानों, संगठनों और आम नागरिकों ने भी शुभकामनाएं दी हैं। सभी ने दुआ की कि अल्लाह उन्हें दीन और मिल्लत के लिए और कामयाबी दे।

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