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शहजाद प्रधान (ग्राम प्रधान, मसूरी) ने बताया कि शहीद अशफ़ाकउल्ला खां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे। उनका जीवन देशभक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक था। 22 अक्टूबर 1900 को जन्मे अशफ़ाकउल्ला ने युवावस्था में ही क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। उनका सबसे बड़ा योगदान काकोरी कांड था, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी शासन को चुनौती दी। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष में व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठना चाहिए। उनका नाम इतिहास में अमर रहेगा और उनकी देशभक्ति की भावना हमें हमेशा प्रेरित करेगी।