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मसूरी के युवा समाजसेवी शाहेमीर चौधरी ने दीपावली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ‘अहम सत्ता’ को बताया कि यह त्योहार आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है, जिसे हर साल बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली को रोशनी का पर्व माना जाता है, जिसमें हर दिशा जगमगाती रोशनी से भर जाती है। बाजारों में दुकानों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है, और विभिन्न वस्तुएं रियायती दामों पर विशेष ऑफरों के साथ उपलब्ध होती हैं।

शाहेमीर ने यह भी बताया कि दीपावली सिर्फ हिंदू समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग इसे मिल-जुलकर मनाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस पर्व में शामिल होकर मिठाइयां और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। 31 अक्टूबर को आने वाली दीपावली की तैयारी जोरों पर है। बाजारों में इस समय हर ओर सजावट और रोशनी देखी जा सकती है, जो इस बात का संकेत है कि दीपावली का पर्व नजदीक आ चुका है।

दीपावली का यह त्योहार सभी के लिए आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश लेकर आता है, जो हर साल नई उमंग और उल्लास से मनाया जाता है।

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