गाजियाबाद में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण ने गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। क्षेत्र में कैंसर, श्वसन रोग, और अन्य गंभीर बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह स्थिति मुख्य रूप से अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों और उद्योगों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण का परिणाम है।
हर्ष अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. बी.पी. त्यागी का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्रभावित किया है। वायु प्रदूषण से श्वसन संबंधी रोग बढ़ रहे हैं, जबकि जल प्रदूषण से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो रहा है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद में पर्यावरण संरक्षण के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन क्षेत्रीय प्रशासन की लापरवाही के चलते इन पर अमल नहीं हो रहा। अधिकारी अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने के बजाय अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं।
नगर निगम को प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और अवैध फैक्ट्रियों को तुरंत बंद करना चाहिए। युवाओं, समाजसेवियों और क्षेत्रीय नागरिकों को भी इस मुद्दे पर आवाज उठानी होगी। गाजियाबाद का बढ़ता प्रदूषण न केवल आज बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी खतरा है। अब समय आ गया है कि प्रशासन और जनता मिलकर इस गंभीर समस्या का समाधान करें।