वाई के राजपूत (सं)
गाजियाबाद (अहम सत्ता) मुरादनगर के जलालाबाद गांव में बिजली विभाग की कार्रवाई ने ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया है। विभाग ने पुलिस बल के साथ संयुक्त अभियान चलाते हुए गांव में 65 कनेक्शन काट दिए। इनमें कई कनेक्शन ऐसे बताए जा रहे हैं, जिनका बिल जमा था। इस कार्रवाई से नाराज ग्रामीण गंग नहर के पास धरने पर बैठे हुए हैं और तत्काल कनेक्शन बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों की शिकायत और मांगें
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग ने बिना किसी नोटिस के उनके कनेक्शन काट दिए। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि गन्ने का भुगतान मिलने के बाद वे अपने बकाया बिल चुकाने को तैयार हैं। वे मांग कर रहे हैं कि कनेक्शन तुरंत जोड़े जाएं।
राहुल चौधरी उर्फ डैनी (रजापुर ब्लॉक प्रमुख पति)
“बिजली विभाग ने बिना किसी सूचना के 65 कनेक्शन काट दिए। इनमें से कई कनेक्शन ऐसे हैं, जिनका बिल समय पर जमा है। यह अन्याय है। हम चाहते हैं कि सभी कनेक्शन तुरंत बहाल किए जाएं और गांव वालों को राहत दी जाए। गन्ने के भुगतान के बाद हम बिल जमा कर देंगे।”
रामकुमार सहारावत (ग्रामीण)
“बिजली विभाग ने मनमानी करते हुए उन घरों के कनेक्शन भी काट दिए हैं, जिनका बिल जमा है। जो बड़े बकायादार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन नोटिस देकर। बिना नोटिस के घरों में घुसकर कनेक्शन काटना पूरी तरह गलत है।”
नरेंद्र सहारावत (ग्रामीण)
“पुलिस और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने घरों में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी की। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सरकार को इस अत्याचार पर रोक लगानी चाहिए।”
दुर्गेश कुमार (अधिशासी अभियंता, मुरादनगर)
“जलालाबाद में जिन 65 कनेक्शनों को काटा गया है, उनमें से अधिकांश के खिलाफ लंबे समय से बिल बकाया है। ये कनेक्शन 5 से 20 साल पुराने हैं। जो उपभोक्ता अपने बिल का 40-50% अमाउंट जमा करेंगे, उनके कनेक्शन तुरंत बहाल कर दिए जाएंगे। एक कनेक्शन ऐसा भी था, जिसका बिल जमा था, लेकिन चोरी के कारण उसे काटा गया है।”
प्रदर्शन का माहौल
गंग नहर पर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। वहीं, पुलिस और बिजली विभाग का कहना है कि कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग और पुलिस की कार्रवाई अनुचित है। वे तत्काल कनेक्शन जोड़ने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन को इस विवाद का शीघ्र समाधान करना चाहिए।