गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का बुलडोजर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार प्रशासन ने गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके के गांव सारा में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया। कोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई के दौरान गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया, भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई थी। प्रशासन की इस कार्रवाई में कोई खास विरोध नहीं हुआ और बुलडोजर बिना किसी रुकावट के चला।
अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई, प्रशासन का सख्त रुख
गाजियाबाद के गांव सारा (खसरा नंबर 658) की भूमि को अभिलेखों में तालाब और जोड़ के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन इस पर ‘उल-उसूल’ नाम से एक अवैध मदरसा बनाया गया था। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच कर कोर्ट में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद तहसीलदार न्यायालय, एडीएम न्यायालय और हाईकोर्ट ने मदरसा संचालकों पर ₹2,00,000 का जुर्माना लगाया और इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया।
बिना किसी विरोध के चला बुलडोजर, कड़ी सुरक्षा में हुई कार्रवाई
कार्रवाई के दौरान मोदीनगर की एसडीएम पूजा गुप्ता की अगुवाई में पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रही। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पीएसी और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
प्रशासन का कड़ा संदेश:
✔ “सरकारी जमीनों पर किए गए सभी अवैध कब्जे हटाए जाएंगे!”
✔ “धर्म के नाम पर कोई भी सरकारी संपत्ति पर अवैध निर्माण नहीं कर सकता!”
✔ “कानून का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी है, वरना बुलडोजर तैयार है!”
एसडीएम मोदीनगर पूजा गुप्ता का बयान
“यह सरकारी जमीन थी, जिसे गैर-कानूनी तरीके से धार्मिक स्थल में बदल दिया गया था। न्यायालय के आदेश के बाद हमने कार्रवाई की है और ₹2 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।”
अब सवाल यह है कि
क्या सरकार इसी तरह प्रदेश के अन्य अवैध धार्मिक स्थलों पर भी बुलडोजर चलाएगी?
क्या बुलडोजर की यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है?
सरकार की कार्रवाई को आप कैसे देखते हैं? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!
