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नाज़िम मेवाती (उपाध्यक्ष, अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा गाजियाबाद) ने बताया की शहीद अशफ़ाकउल्ला खां का जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान की बाजी लगा दी। उनका जन्म शाहजहांपुर में हुआ और वे भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के प्रमुख सदस्य बने। रामप्रसाद बिस्मिल के साथ उन्होंने काकोरी कांड में भाग लिया, जो अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सबसे साहसी कदमों में से एक था। अशफ़ाकउल्ला का मानना था कि केवल हथियारों से नहीं, बल्कि एकता और बलिदान से आजादी हासिल की जा सकती है। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि जब देश की बात हो, तो हमें अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर उठकर सोचना चाहिए।