गाज़ियाबाद/ गाज़ियाबाद के डासना में यासीन गढ़ी में एम तक़वा नाम से स्कूल चला रहे मास्टर जी अनीस लंबी बीमारी के चलते सभी चाहने वालों को छोड़ कर चले गए।
पहली बार जब मेरी मुलाकात हुई।
पहली बार मुझे फ़ोन आया और बड़ी सुरीली से प्यारी सी आवाज़ में कहा आप पत्रकार बात कर रहे हैं चौधरी अफ़सर, मैनें कहा जी बताइए मैं चौधरी अफ़सर बात कर रहा हूँ, कहने लगे जी आपसे काम था- मैने कहा बताइए जी क्या काम था, कहा मैं मोहम्मद अनीस बोल रहा हूँ एम तक़वा कान्वेंट स्कूल यासीन गढ़ी डासना से और सरकारी स्कूल नाले के पास नगर पंचायत डासना द्वारा कूड़ा डाला जा रहा है बहुत बदबू आती है इसपर खबर लगादो, उन्होंने बहुत सारे लोगों को इखट्टा किया मैं वहां पहुंचा और मैंने सभी से पूछा कि इस कूड़े के ढेर से क्या समस्या है उस कूड़े के ढेर को लेकर मैंने खबर चलाई और जिस खबर का संज्ञान लिया गया। वहां से वह कूड़े का ढेर उठ गया और कुछ दिन बाद फिर मेरे पास फोन आया और कहा कि मैं मोहम्मद अनीस बोल रहा हूं मैंने कहा जी सर, मैंने सलाम किया और उन्होंने कहा कि, आपको छोटे बच्चों को अपने हाथों से सम्मानित करना है और आप को भी सम्मानित किया जाएगा और आपके क्षेत्र के पत्रकार और जिम्मेदार लोग भी आ रहे हैं। दूसरे दिन में तैयार होकर सफेद रंग की आधी बाजू की शर्ट पहनकर एम तकवा कान्वेंट स्कूल में पहुंचा जहां छोटे-छोटे बच्चों को देख खुशी हुई और मैंने माइक लेकर सभी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए शिक्षा के ऊपर चंद बातें बोली। मुझे कहीं जाना था इसी वजह से मैं मास्टरजी अनीस के पास गया और कान में कहा कि मुझे थोड़ा जल्दी है मुझे कहीं किसी अर्जेंट काम से जाना है तो कृपया मुझे जाने दे उन्होंने का नहीं अभी नहीं जाने देंगे मास्टर जी ने मुझे एक शील्ड देते हुए सम्मानित किया।
मास्टर जी अनिस कि सादगी, बात करने का तरीका और सरल व्यवहार, ईमानदार और अच्छे पढ़े-लिखे व्यक्ति जिन्हें में हमेशा याद रखूंगा, मैं खुदा से यही दुआ करता हूं ए खुदा ताला मास्टर जी अनीस को जन्नतुल फिरदोस में आला मुकाम अता फरमा। आप सभी से दुआ कीजिए कि खुदा ताला मास्टरजी अनीश की मगफिरत फरमाए और उन्हें जन्नतुल फिरदोस में आला मुकाम अता फरमा -आमीन