धौलाना के महावीर राणा का लक्ष्य 90+ मीटर भाला फेंक

Date: 2025-07-10
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मेहनत के पागलपन और जिद से रचा इतिहास, अब एशियाई खेलों के बाद निगाहें विश्व रिकॉर्ड पर

पंकज सागर (विशेष संवाददाता, हापुड़)


हापुड़, धौलाना।
"मेहनत के आगे जीत है"—इस कथन को सच कर दिखाया है हापुड़ जनपद के धौलाना क्षेत्र निवासी महावीर विनोद राणा ने, जो बिना किसी कोच और ट्रेनिंग के विश्व स्तर का भाला फेंक खिलाड़ी बन चुका है। आज वह न केवल एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुका है, बल्कि उसका अगला टारगेट है 90+ मीटर जेवेलिन थ्रो कर भारत का नाम इतिहास में दर्ज कराना।

महावीर विनोद राणा ने बताया कि मेहनत और जिद के बल पर ही आज वह इस मुकाम तक पहुंचा है। उसका कहना है, "मेहनत कोई नहीं करता, लक्ष्य मेहनत कराता है।" जब उसके जैसे खिलाड़ी बिना संसाधनों के विश्व चैंपियन बन सकते हैं, तो अभ्यास और आत्मविश्वास से 90 मीटर पार करना भी नामुमकिन नहीं है।

वह कहते हैं, "मैं मेहनत के लिए पागल हूं। जो ठान लिया, वो करके दिखाया है। जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक मैं रात को भी दिन समझकर अभ्यास करता हूं।" महावीर का यह जुनून ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

गौरतलब है कि भाला फेंक जैसे तकनीकी खेल में आमतौर पर कोच, ट्रेनिंग और आधुनिक संसाधनों की अहम भूमिका होती है। लेकिन महावीर विनोद राणा ने अपने दम पर यह सिद्ध कर दिया कि अगर अंदर से आग हो, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती।

स्थानीय लोगों और खेल प्रेमियों के लिए महावीर आज एक प्रेरणास्त्रोत बन चुका है। उसके साथ अभ्यास करने वाले बताते हैं कि वह हर मौसम, हर हालात में केवल लक्ष्य के बारे में सोचता है।

अब जब महावीर ने एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना साकार किया है, तब उसका अगला पड़ाव है—90 मीटर या उससे अधिक भाला फेंककर एक नया इतिहास रचना।

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