नाहल (गाजियाबाद)।
सावन के पावन पर्व पर हरिद्वार से कांवड़ लेकर लौट रहे श्रद्धालुओं का स्वागत थाना मसूरी क्षेत्र के ग्राम नाहल झाल पंचक्की में पूरी श्रद्धा और समर्पण भाव से किया गया। इस अवसर पर प्रशासन और क्षेत्रीय समाजसेवियों ने मिलकर कांवड़ियों के लिए भव्य व्यवस्था की।
प्रशासन की ओर से खाने-पीने, विश्राम और दवाई आदि की समुचित व्यवस्था की गई। कांवड़ियों को चाय, दूध, जलेबी, पूरी-सब्जी, चावल, छोले, केले, ठंडा पानी, मिनरल वाटर और दवाइयों सहित विश्राम के लिए पंडाल भी मुहैया कराए गए।
इस पुण्य कार्य में डासना के निवासी प्यारे भाई (ठेकेदार), जो मुस्लिम समुदाय से हैं, उन्होंने भाईचारे और इंसानियत की मिसाल कायम करते हुए कांवरियों के लिए विश्राम स्थल की विशेष व्यवस्था पंचक्की में कराई। उनकी ओर से लगाए गए सेवा शिविर में श्रमिकों ने दिन-रात मेहनत कर कांवड़ियों को सुविधा दी।
वहीं नाहल गांव के रहने वाले श्याम सोनी ने श्रद्धालुओं के लिए जलेबी और अन्य व्यंजनों की विशेष व्यवस्था कर श्रद्धा और सेवा की भावना को और बल दिया।
मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि शासन और समाज के सहयोग से इस क्षेत्र में कांवड़ियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
कांवड़ यात्रा में भाग ले रहे श्रद्धालुओं ने भी कहा कि हरिद्वार से आने के बाद अगर सबसे ज्यादा सुकून और आत्मीयता कहीं मिलती है, तो वह नाहल झाल पंचक्की क्षेत्र है। यहां का सेवा भाव, भोजन और विश्राम की व्यवस्था दिल को छू लेने वाली है।
इस बार की कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए, जो पूरे उत्साह के साथ डाक कांवड़ और सामान्य कांवड़ लेकर यात्रा कर रहे हैं।
यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज के सभी वर्गों की एकता, भाईचारे और सहयोग की अनूठी मिसाल भी प्रस्तुत करता है। खासतौर पर मुस्लिम समाज के प्यारे भाई की ओर से किया गया सेवा कार्य यह संदेश देता है कि इंसानियत और आपसी सौहार्द से बड़ी कोई पूजा नहीं