हर परिजन के नाम एक पौधा – हरित भारत की ओर एक भावनात्मक कदम – आरिफ कुरैशी
जनरल मैनेजर, इंटरनेशनल एग्रो फूड्स
हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां शुद्ध हवा, साफ पानी और हरियाली अब विलासिता नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। पेड़-पौधे न केवल पर्यावरण के संतुलन में सहायक हैं, बल्कि हमारी भावनाओं और संबंधों के प्रतीक भी बन सकते हैं। मेरी सोच है कि अगर हर भारतीय अपने परिजन के नाम से एक पौधा लगाए और उसकी देखभाल पूरी निष्ठा से करे, तो यह सिर्फ हरियाली नहीं, एक सजीव श्रद्धांजलि भी होगी।
सरकार द्वारा चलाया जा रहा "एक पेड़ मां के नाम" अभियान निश्चित रूप से प्रेरणादायक है, लेकिन हमें इसे और व्यापक बनाना चाहिए। जब कोई अपना इस दुनिया से चला जाता है, तो क्यों न उसकी स्मृति में एक पौधा लगाया जाए? इससे हम उनके प्रति सम्मान भी प्रकट करेंगे और प्रकृति को संजीवनी भी देंगे।
हमारे देश में 140 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। अगर हर साल एक व्यक्ति एक पौधा भी लगाए और उसे जीवित रखने का संकल्प ले, तो भारत को हरा-भरा बनने से कोई नहीं रोक सकता। पर अफसोस की बात यह है कि लोग पौधे तो लगाते हैं, लेकिन उसकी देखभाल नहीं करते। सिर्फ पौधा लगाना ही नहीं, उसकी सुरक्षा, सिंचाई और पोषण भी हमारी जिम्मेदारी है।
हमें ऐसे पौधे लगाने चाहिए जो फल, फूल और छाया दें, जिससे इंसान ही नहीं, पशु-पक्षी और पूरी जैव विविधता लाभान्वित हो सके। यह छोटा सा प्रयास आने वाले वर्षों में एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
आइए, एक संकल्प लें – हर साल अपने प्रियजनों के नाम पर एक पौधा लगाएं और उसे जीवन भर संजोकर रखें। यही सच्ची श्रद्धांजलि है, यही सच्ची सेवा है देश और प्रकृति के प्रति।