रिपोर्ट- चौधरी अफसर
गाजियाबाद।
बिरादराने कुरैश की तरफ़ से समाज को सुधारने के लिए एक नई मुहिम ‘पैग़ाम-ए-अमल’ की शुरुआत की गई है। इस मुहिम में खास तौर पर शिक्षा और शादी को आसान बनाने पर ज़ोर दिया गया है।
इस तहरीक की अगुवाई मौलाना सुरशीद अहमद हाशमी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह की दो सबसे अहम नेमतें हैं – एक माल, जिससे जिंदगी चलती है और दूसरी नेक औलाद, जो इंसान का सहारा बनती है।
मौलाना हाशमी ने कहा कि हमें चाहिए कि हर बच्चा कुरआन मजीद पढ़े, दीनी बातें सीखे और दुनियावी तालीम में भी आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को हाफ़िज़, आलिम, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और बिजनेसमैन बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि हम शादी-विवाह में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकें और तालीम पर खर्च करें।
उन्होंने शादी को आसान बनाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि:
रिश्ता तय होते ही निकाह की तारीख तय हो जाए।
निकाह मस्जिद में सादगी से हो।
दहेज़, गाड़ी, सोना और नकदी जैसी चीजों से परहेज़ किया जाए।
छौछक, भात और झूठी रस्में बंद की जाएं।
मौलाना ने कहा कि हमें अपनी औलाद को ऐसा बनाना है कि वह खुद अपने पैरों पर खड़ी हो और किसी के सामने हाथ न फैलाए।
इस मुहिम को बिरादरी में काफी सराहना मिल रही है और लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संकल्प कर रहे हैं।