AK-47 के साथ फोटो, सोशल मीडिया पर शो ऑफ: शकील सैफी की हरकतें क्या सिर्फ दिखावा हैं या देश की सुरक्षा पर सीधा खतरा?"

Date: 2025-07-18
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नई दिल्ली/गाजियाबाद।
देश की राजधानी दिल्ली के निहाल विहार क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला शकील सैफी एक बार फिर सुर्खियों में है — लेकिन इस बार किसी फिल्मी सितारे के साथ तस्वीरों या राजनीतिक संबंधों को लेकर नहीं, बल्कि AK-47 जैसे प्रतिबंधित और घातक हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर खुलेआम फोटो और जिनमें वह कश्मीर और अन्य पर्यटन स्थलों पर स्वचालित हथियारों के साथ पोज देता दिखाई दे रहा है। इन पोस्ट्स में हथियारों का दिखावा करना न केवल कानून की खुली अवहेलना है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।
शकील सैफी स्वयं को कई बॉलीवुड हस्तियों और राजनेताओं का करीबी बताता है और उन्हीं की तरह सोशल मीडिया पर ग्लैमर दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन सवाल ये है कि आम नागरिक के हाथ में ऐसा खतरनाक हथियार आखिर आया कैसे? क्या यह सिर्फ फॉलोअर्स बढ़ाने की कोशिश है या इसके पीछे कोई गहरी और राष्ट्रविरोधी मंशा छिपी है?

इस पूरे मामले को हेल्प एशियन फाउंडेशन ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला मानते हुए महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा जिलाधिकारी गाजियाबाद को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह कोई व्यक्तिगत या जातिगत मामला नहीं है। संस्था का आरोपी शकील सैफी से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। यह पूरा विषय केवल देश की सुरक्षा, सामाजिक शांति और युवा वर्ग को गुमराह करने वाले खतरनाक ट्रेंड के खिलाफ उठाया गया कदम है।

ज्ञापन में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए निम्नलिखित धाराओं को लागू करने की अपील की गई है: BNS 2023, धारा 61 – आपराधिक साजिश, BNS 2023, धारा 196 – साम्प्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना, Arms Act 1959, धारा 25 व 27 – अवैध हथियार रखने और उनका प्रदर्शन करना, IT Act 2000, धारा 67 व 69 – सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले डिजिटल मटेरियल, UAPA – आतंकवादी गतिविधियों की आशंका के अंतर्गत जाँच, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) – यदि व्यक्ति सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बने। 

क्या अब सोशल मीडिया हथियारों का शो रूम बन चुका है?
क्या देश की सुरक्षा एजेंसियां ऐसे मामलों में पर्याप्त सतर्क हैं?
अगर ये सिर्फ ‘शो ऑफ’ है, तो फिर हथियार असली कैसे?
और अगर ये साजिश है — तो इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं? 

हेल्प एशियन फाउंडेशन ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से तत्काल डिजिटल फॉरेंसिक जांच, आरोपी से पूछताछ, और यदि आवश्यकता हो तो उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की है।
संस्था का कहना है कि "ऐसे मामलों को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की श्रेणी में रखते हुए निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई होना नितांत आवश्यक है, ताकि देश की एकता, अखंडता और कानून का सम्मान बना रहे।

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